अभी तो धरती नापी है, आसमान पूरा बाकी है।
अभी तो धरती नापी है, आसमान पूरा बाकी है।
इनकी उड़ान की हदें तय करो न,
पंख फैलाना अभी बाकी है।।
समाज में हमारे आस-पास ऐसी अनेक प्रतिभाएँ हैं, जिनमें कुछ अलग और नया करने की चाह तो है, परंतु उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें ऐसा करने से रोक देती है। खासकर वंचित वर्ग की बेटियाँ जिन्हें अच्छी शिक्षा दे पाना उनके परिवार वालों के लिए असंभव-सा प्रतीत होता है।
ऐसे में ‘उदयन शालिनी फैलोशिप’ कार्यक्रम उनके लिए एक सहारा बन कर सदैव उनके साथ है और उन्हें शिक्षा देने के साथ-साथ जीने की कला सिखा रहा है। इस संस्था ने सुशिक्षित समाज में अलख जगा कर इन लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा कर सामाजिक बदलाव की भी नींव रख दी है, जिससे बेटियाँ पढ़ने की साथ ही आगे बढ़ भी रही हैं और समाज में एक अलग पहचान बना रही है । संस्था की ओर से सहायता पाकर अनेक लड़कियाँ विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए आयाम स्थापित कर चुकी हैं।
‘उदयन केयर’ एक भारतीय एनजीओ (पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट) है जिसे 1994 में पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था, जो कमजोर बच्चों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करता है। इसने भारत के 15 राज्यों के 28 शहरों में 30,000 से अधिक बच्चों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को प्रभावित किया है। इसकी शुरुआत 1996 में एक छोटे से परिवार के घर से हुई थी, जिसे ‘उदयन घर’ के नाम से जाना जाता है और अभी भी इसी क्षेत्र में कार्यरत है।
‘उदयन केयर’ ने समाज के अयोग्य वर्गों की लड़कियों के लिए एक अनूठा शिक्षा सह परामर्श कार्यक्रम तैयार किया है, जिसे ‘उदयन शालिनी फैलोशिप’ कहा जाता है। ‘उदयन शालिनी फैलोशिप’ कार्यक्रम की शुरूआत वर्ष 2002 में 72 कन्याओं के साथ दिल्ली में हुई। यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि छात्राएँ अपना स्नातक पूरा करें और एक प्रतिष्ठित, स्वतंत्र एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार महिला बनें।
अब तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत 13000 छात्राएँ लाभ उठा चुकी हैं, जिनमें से 68 पीएच.डी., 33 डॉक्टर, 20 फार्मासिस्ट, 148 नर्स, 6 फिजियोथेरेपिस्ट, 61 चार्टर्ड एकाउंटेंट, 853 उद्यमी, 191 इंजीनियर और 384 शिक्षक और लगभग 4500 (व्यावसायिक पाठ्यक्रम सहित) यूएसएफ के स्नातक हैं। वर्तमान में 2700 के लगभग शालिनी कार्यरत हैं और कुछ अब प्रायोजक भी हैं।
वर्तमान में हमारे पास 2500 से अधिक मेंटर और 761 से अधिक मेंटर दीदी हैं, जिनमें 449 तो भूतपूर्व छात्र ही हैं। आगरा अध्याय की शुरुआत 2021 में शिक्षादान फाउंडेशन के सहयोग से 50 लड़कियों के साथ की गई थी, जो आज बढ़कर 135 हो गई है।
इसी श्रृंखला में दिनांक 13 अक्टूबर, 2024 दिन रविवार को प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल, दयालबाग के प्रांगण में उदयन केयर के आगरा अध्याय के चतुर्थ प्रेरण समारोह का आयोजन किया गया। आगरा में इस वर्ष 30 लड़कियाँ ‘उदयन केयर’ के ‘उदयन शालिनी फैलोशिप’ परिवार का हिस्सा बनी हैं। संस्था की ओर से प्रत्येक छात्रा को शैक्षिक कार्यों हेतु 10 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है, जो उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलन के बाद अतिथिगणों का प्रकृति की अमूल्य धरोहर नवांकुर प्रदान कर स्वागत किया गया। संस्था की संस्थापक प्रबंध ट्रस्टी डाॅ. किरन मोदी ने गर्मजोशी के साथ उदयन केयर संस्था का परिचय देते हुए डाॅ. सुशील गुप्ता का सहृदय आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. गुप्ता किसी भी तरह की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, जिसके लिए पूरा उदयन परिवार उनका आभारी है। उन्होंने सभी शालिनी बालिकाओं को हर मुश्किल का सामना कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बबिता चौहान (अध्यक्ष- राज्य महिला आयोग, उत्तरप्रदेश) ने उदयन केयर के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि छात्राओं को अर्जुन की भाँति अपने उद्देश्य की ओर एकाग्रचित्त रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उदयन एक प्रेरणास्रोत है, जो कठिनाइयों को ही अपनी ताकत बनाकर नारी शक्ति को निखार रहा है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. संध्या अग्रवाल शोभायमान थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही हमारा चरित्र निर्माण करके हमें सजग, संपन्न व संपूर्ण बनाती है। उन्होंने आगे कहा कि हमें हमेशा खुली आंँखों से सपने देखने चाहिए क्योंकि ऐसे सपने ही साकार होते हैं।
सलाहकार समिति सदस्य, डाॅ. सुशील गुप्ता, अध्यक्ष अप्सा ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि उन्होंने अनेकानेक प्रकार की समाजसेवा की है परंतु उदयन परिवार में सम्मिलित होकर इन लड़कियों को गोद लेकर पाँच वर्ष तक उनके शिक्षण कार्यक्रम व कार्यशालाओं का आयोजन करना अभी तक के समस्त कार्यों में सर्वोपरि एवं संतोषजनक है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक छात्रा को अपना आदर्श स्थापित करके प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़ते रहना है।
इस अवसर पर लाभार्थी बालिकाओं के अभिभावकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंत में श्री जॉन प्रदीप उलरिक ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्था के द्वारा ही उनकी बेटी के जीवन का अंधकार एक नवीन प्रकाश में परिवर्तित हो गया है। वहीं गुनगुन वर्मा, निधि, अंजलि कुशवाहा एवं जेसीका नामक शालिनीयों ने अत्यंत भावुक होते हुए अपना अनुभव साझा किया कि उदयन संस्था की वजह से ही आज वे अपने सपनों को साकार कर सकी है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बबिता चौहान व डॉ. किरन मोदी ने समस्त शालिनियों को शपथ दिलाई। भूतपूर्व शालिनियों की आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में जॉन प्रदीप उलरिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक चित्र के साथ हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन गुनगुन एवं निधि नामक शालिनी ने अत्यंत ही प्रभावशाली रूप से किया।
समारोह में *डॉ. किरन मोदी, डॉ. सुशील गुप्ता, अरविंद श्रीवास्तव, नरेंद्र कुशवाह, जॉन प्रदीप उलरिक, प्रतिभा सुनीति शॉ, ग्यासुद्दीन, आस्था, नम्रता मिश्रा, डॉ नीलम मेहरोत्रा, पी. एस. ओबेरॉय, आशीष चक्रवर्ती, जगप्रीत सिंह सचदेवा * उपस्थित रहे।