काँव-काँव के साथ सम्पन्न हुआ 37वाँ मूर्खानन्द विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
होली के अवसर पर हास-परिहास से परिपूर्ण मूर्खा विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह ;महामूर्ख सम्मेलनद्ध बल्केश्वर महादेव मन्दिर रोड स्थित सी.एफ. एन्ड्रूज स्कूल के वातानुकूलित सभागार डाॅ. राम कन्वेन्शन सेन्टर आगरा में कार्यक्रम अध्यक्ष डाॅ. अनुज गुप्ता हैन्ड एण्ड माइक्रो सर्जन ने गर्धभराज के पुष्पहार ;गूलरी की मालाद्ध भोग ;सूखी घासद्ध एवं तिलक लगाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। गर्धभराज ने भी ढेंचू-ढेंचू कर्प कर्कश ध्वनि से सभी मूर्खजनों को आशीर्वाद दिया। मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, कुलपति एवं कुलसचिव सहित विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारियों की शोभायात्रा ढोल नगाड़े तथा एन.सी.सी. के छात्रों की मार्च पास्ट के साथ कार्यक्रम स्थल तक पहुँची। उपस्थिति मूर्खजन समुदाय ने काँव-काँव की ध्वनि कर अपनी मूर्खता का परिचय दिया। इस मुक्त हास और ठठ्ठा-ठिठोली का कार्यक्रम श्रम्रजीवी, सहनशीन, आत्मसंतोषी, आर्दश-जीव की आरती ‘‘ओउम् जय गर्धभ देवा’’ से प्रारम्भ हुआ।
कुलपति डाॅ. गिरधर शर्मा ने बताया इस कार्यक्रम की परिकल्पना कुछ ठलुआ दिमाग की उर्वरा भूमि की उपज है। यह आयोजन मौज मस्ती, होली के पर्व पर कुछ क्षण तनाव मुक्त होकर हास-परिहास के साथ जीवन्त करने का प्रयास मात्र है। विगत 50 वर्षों से यह आयोजन महानगर में चलता आया है। डाॅ. राम अवतार शर्मा जी ने राज बहादुर सिंह ‘राज’ के साथ मिलकर इसे मूर्खानन्द विश्वविद्यालय का स्वरूप प्रदान किया है। कार्यक्रम में उपाधि धारक सर्वश्री हरिमोहन सिंह कोठिया ;वरिष्ठ साहित्यकारद्ध को ‘‘काक शिरोमणि’’, डाॅ. वृज बिहारी लाल बिरजू ;बृजभाषा कविद्ध को ‘‘मूर्खाचार्यश्री’’, विष्णु अग्रवाल ;खलीपा ख्यालगोईद्ध को ‘‘मूर्खानन्द महाराजश्री’’, राजेन्द्र कुमार सचेदवा ;शिक्षाविद्द्ध को ‘‘ महामूर्खाधिराज’’, सी.ए. संजीव माहेश्वरी को ‘‘मूर्ख मणिरत्न’’, डाॅ. ज्योत्सना ;प्रो0 हिन्दी विभाग आर.बी.एस. काॅलेज, आगराद्ध को ‘‘ मूर्ख चंचलाश्री’’ , एड. संजीव वशिष्ठ को ‘‘मूर्खमणिरत्न’’ तथा सुश्री रोशनी गिडवानी ;नृत्य प्रशिक्षिकाद्ध को ‘‘ मूर्ख मयूरनीश्री’’ की उपाधियाँ प्रदान की गयीं। उपाधिधारकों को बिना बाजू का चोला, फूल-फलों की माला, काकशीर्षस्थ हैट व स्मृति चिन्ह आदि से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में प्रांजल शर्मा, शिवांजल शर्मा, सुनीता शर्मा, अपूर्वा शर्मा, ओशीन शर्मा उल्लेखनीय रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम अध्यक्ष डाॅ. अनुज गुप्ता एवं सभी उपाधि धारकों ने अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित जन समूह का मन मोह लिया और वातावरण को होली के रंग में रंग दिया। रोशनी गिडवानी के निर्र्देशन में उनकी छात्राओं ने फूलों की होली पर रंगा रंग शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम संयोजक श्री राजबहादुर सिंह ‘राज’ ने कार्यक्रम का रोचक संचालन किया। वरिष्ठ कवि डाॅ. राजेन्द्र मिलन ने सभी आगुन्तकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के अन्त में लकी ड्रो का प्रथम पुरस्कार विष्णु अग्रवाल, द्वितीय पुरस्कार विकास गोयल एवं तृतीय पुरस्कार विभोर जैन को दिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्या रूचि तनवर, मुनेश अग्रवाल, करमजीत परमार, रामअवतार यादव, राजेन्द्र गोयल, यतेन्द्र सोलंकी, रामेन्द्र मोहन, रमन गर्ग, ताहिर सिद्दकी एवं आलोक आर्य आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।