प्रिल्यूड के छात्रों ने पं. विजय शंकर मेहता जी से सीखे कामयाब होने के रहस्य

प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल अपने छात्रों के शैक्षणिक विकास का तो ध्यान रखता ही है, साथ ही उनके आध्यात्मिक, शारीरिक एवं व्यक्तित्व को विकसित करने के दायित्व का भी पूर्णतः निर्वहन करता है। इसी ध्येय के दृष्टिगत विद्यालय प्रबंधन द्वारा गुरुवार, दिनांक 27 फरवरी, 2025 को ‘हम होंगे कामयाब’ विषय पर
आध्यात्मिक व प्रेरक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य देश के भावी कर्णधारों को उनके लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रभावी तरीके बताकर प्रेरित करना है।

विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता, श्रीमती सुनीता गुप्ता, श्री शलब गुप्ता, प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव एवं श्याम बंसल ने परमश्रद्धेय पंडित विजय शंकर मेहता जी का पुष्पमाला पहनाकर अभिनंदन किया।

कथावाचक परमश्रद्धेय पंडित विजय शंकर मेहता जी अपने व्याख्यानों के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। मेहता जी अनुभवी अध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने विभिन्न धार्मिक और प्रेरक पथ पर अपने ज्ञान के अनमोल वचनों से प्रिल्यूड के परिसर को आनंदित कर दिया।

उन्होंने सभी को जीवन का मूलमंत्र वन टू का फाइव बताया, जिसके पाँच भाग हैं-
1.गुरु
2. माता-पिता
3. शरीर,मन व आत्मा
4. धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष
5. पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व आकाश

उन्होंने कहा कि माता-पिता के समान अन्य कोई भी हितैषी नहीं होता। संतान को हमेशा अपने माता-पिता पर गर्व करना चाहिए क्योंकि माता-पिता अपनी संतान को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाने एवं कुसंग से बचाने के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक के जीवन में गुरु का अत्यंत महत्व है। अतः अपने गुरु के प्रति सदैव आदर भाव रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि समस्त समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि हम कष्ट निवारक हनुमान जी को अपना गुरु बना लें क्योंकि आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से ही हम आत्मा के साथ जुड़कर अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बना सकते हैं। उन्होंने सभी को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि ऊर्जा के स्त्रोत पुंज हनुमान चालीसा के निरंतर पाठ करने से मनुष्य को जीवन में शांति का अनुभव होता है व व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेता है। प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन बेहतर बन सकता है। उन्होंने सभी को हनुमान चालीसा के फायदे भी बताए।

पंडित जी ने वर्तमान समय में बदलते जीवन मूल्यों एवं शैली में अभिभावकों को उनके बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित अनेक प्रश्नों एवं समस्याओं के निराकरण में सहायक पेरेंटिंग पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) करने पर विशेष बल दिया। छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सुबह और शाम ध्यान अवश्य करना चाहिए, जिससे छात्रों की स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और एकाग्रता विकसित होती है। स्मरण शक्ति में वृद्धि और एकाग्रता होने से छात्र अपने जीवन लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए सबसे बड़ा धर्म अपने ज्ञानार्जन के लक्ष्य को पाने के लिए हर पल का ईमानदारी से निर्वहन करना बताया।

विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि हम सभी को पंडित जी का व्याख्यान सुनने का अवसर मिला। उनके अद्भुत अनुभव और आध्यात्मिक ज्ञान से हम सभी लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि यहाँ प्राप्त हुई शिक्षाओं का सभी अपने दैनिक जीवन में अनुपालन करेंगे।

पंडित जी ने अपने व्याख्यानों के द्वारा सभी को आध्यात्मिक ज्ञान, मेधावी दृष्टिकोण, ध्यान और जीवन के उद्देश्य के बारे में अनमोल संदेश दिया। उनके विचारों और उपदेशों के श्रवण से जीवन को एक नई दिशा मिली। इस पावन अवसर पर सभी को असीम आनंद की अनुभूति हुई। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका बबिता रानी ने किया