संस्कार भारती, आगरा महानगर, बृज प्रान्त द्वारा अष्टम नमन काव्य गोष्ठी आयोजित की गई.
*_संस्कार भारती, आगरा महानगर, बृज प्रान्त द्वारा अष्टम नमन काव्य गोष्ठी गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर 31 जुलाई 2025 को डा कैलाश सारस्वत के क्लीनिक , आवास विकास कालोनी, आगरा पर आयोजित की गई._*
संस्कार भारती, आगरा महानगर, बृज प्रान्त द्वारा अष्टम नमन काव्य गोष्ठी गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर 31 जुलाई 2025 को डा कैलाश सारस्वत के क्लीनिक , आवास विकास कालोनी, आगरा पर आयोजित की गई
इस अवसर पर संस्कार भारती के प्रांतीय मंत्री डॉ मनोज कुमार पचौरी, प्रख्यात होम्यो चिकित्सक डॉ कैलाश सारस्वत, कार्यक्रम के अध्यक्ष इंजीनियर सुरेश चन्द्र अग्रवाल, साहित्यकार प्रोफेसर शुभदा पाण्डेय, डा नीलम भटनागर और डॉ कुसुम चतुर्वेदी ने गोस्वामी तुलसीदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके शुभारंभ किया.
इस अवसर पर संस्कार भारती आगरा महानगर द्वारा डा कैलाश सारस्वत को “सेवा विभूषण” सम्मान से सम्मानित किया गया.
कवयित्री डा शुभदा पाण्डेय ने कविता पाठ किया
पीपल का आकर्षण भारी।
स्वंय सिद्ध शोभित त्रिपुरारी।
रामकथा विस्तार केंद्र में भी
पूजी सदा सिया सुकुमारी।
बिल्ववृक्ष का मान बढ़ाकर
आम्र सदा उपवन मुस्काए।
कवि अजय कुमार मिश्रा “अजेय” ने कहा
रामचरित मानस रचना कर हिंद का मान बढ़ाए है।
तुलसीदास जी राम कथा को घर घर तक पहुंचाए हैं।।
कवयित्री और चित्रकार रश्मि सिंह ने कहा
रज लई तज़ लई
उपवन बीच
सिर धर लई बाने धूप
तरुवर बीच पसारे नैना
और जर दई बाने सींच
वरिष्ठ कवि रविन्द्र वर्मा ने गोस्वामी तुलसीदास को शब्द दिए
श्री राम भक्ति आधार चुना,
स्वान्त: सुखाय भाया था ।
मर्यादा दास बने तुलसी,
भक्ति भाव अपनाया था।।
शिक्षाविद डॉ कुसुम चतुर्वेदी ने कहा
हम कैसे व्याख्या करे राम की ,कैसे करें बड़ाई
तुलसी ने भी कहा”राम न सकहिं नाम गुन गाई ”
वरिष्ठ कवियत्री डॉ नीलम भटनागर ने रचना पाठ किया
हे मन ! राम को स्वयं में बसा ले ,आराम पा जाएगा ।
द्वंद्व की पीड़ा से मुक्ति पा जाएगा
हर उलझन सुलझा चैन पा जाएगा
अवसाद की गहरी उदासी से उबर जाएगा
हे मन! राम को स्वयं में बसा ले,आराम पा जाएगा
दकवि डा शेष पाल सिंह “शेष” ने कहा
रामचरितमानस है दर्पण।
श्री पुरुषोत्तम हेतु समर्पण।
लंबी तुलसी की गाथा में,
हीरे-मोती सा आकर्षण।
कवयित्री राज फौजदार ने कहा
मनवा मेरा पीर में, दिखे न साजन आज।
तक- तक राह निहारूं, किये न कोई काज।।
किये न कोई काज, नयन बरसत बिन बादर। दूःखन लागे नयन, बिरह में आज पुकारू।
सरस्वती वन्दना करते हुए कवि देव नारायण शर्मा (बाह) ने कहा
हम राम नाम के हीरे मोती कण कण में बिखरायें,
उनके आदर्शो पर चलकर भारत को स्वर्ग बनायें ll
काव्य गोष्ठी में रविन्द्र वर्मा, रामकथा वाचक योगेश चन्द्र शर्मा “योगी”, उमाशंकर पाराशर “आचार्य”, वन्दना तिवारी, सुमन शर्मा पावक, प्रणव कुलश्रेष्ठ (टूंडला), विनय बंसल, राम अवतार शर्मा, डा यशोयश, आदि ने भी काव्यपाठ .किया.
कार्यक्रम का संचालन प्रभूदत्त उपाध्याय ने, संयोजन संस्कार भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष नन्द नन्दन गर्ग ने, धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री ओम स्वरूप गर्ग ने किया.
इस अवसर पर दीपक गर्ग और कार्तिक अर्गल ने व्यवस्था संभाली.