*आगरा की लेखिका श्रीमती रेनू ‘अंशुल’ को दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन ने दिया ‘साहित्य श्री सम्मान-2025’*
आगरा। ताजनगरी में जन्मीं, पलीं बढ़ीं व शिक्षित तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा से सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी अंशुल अग्रवाल की धर्मपत्नी श्रीमती रेनू ‘अंशुल’ साहित्य क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए आगरा का नाम साहित्य जगत में रोशन कर रही हैं।
इस क्रम में उनकी उपलब्धियों और उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन में आयोजित एक समारोह में उनको श्री प्रेमचंद गर्ग स्मृति साहित्य श्री सम्मान-2025 प्रदान किया गया।
प्रेमचंद गर्ग के सुपुत्र डॉ. डीके गर्ग द्वारा अपने पिता की स्मृति में स्थापित इस सम्मान के तहत रेनू ‘अंशुल’ को 5100 रुपये की राशि, सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री प्रो. हरीश अरोड़ा ने इस अवसर पर कहा कि साहित्य में जीवन के अनुभव, संवेदना और मानवीय रिश्तों को गहराई से प्रतिबिंबित करने वाली श्रीमती रेनू ‘अंशुल’ को उनकी अमूल्य, अनवरत एवं समग्र सहित साधना के लिए साहित्य श्री सम्मान से अलंकृत किया जा रहा है।
इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के साथ दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा मोहन, प्रबंध मंत्री एवं संयोजक आचार्य अनमोल, जाने माने साहित्यकार बाल स्वरूप राही, सोमदत्त शर्मा, डॉ. शकुंतला कालरा और नरेश शांडिल्य सहित देश के तमाम जाने-माने साहित्यकार प्रमुख रूप से मौजूद रहे। प्रो. रचना विमल ने कार्यक्रम का संचालन किया।
*अब तक सात पुस्तकें हो चुकीं प्रकाशित*
गाथा पंचकन्या, बटरफ्लाइज और पॉकेट में इश्क सहित श्रीमती रेनू ‘अंशुल’ की अब तक सात पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है जिन्हें देश भर के पाठकों की खासी सराहना मिली है। आपकी कहानियों, कविताओं, उपन्यास और नाटक सहित विभिन्न रचनाओं में स्त्री अनुभव, सामाजिक अंतर्दृष्टि और भाषिक सौंदर्य का अद्वितीय समन्वय देखने को मिलता है।
*आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी मिली सराहना*
आकाशवाणी दिल्ली और रामपुर सहित कई केंद्रों से आपकी रचनाओं का निरंतर प्रसारण होता रहता है। दूरदर्शन पर भी आपके कई कार्यक्रम आ चुके हैं। हाल ही में दूरदर्शन भारती के साहित्य संवाद कार्यक्रम में प्रसारित आपका साक्षात्कार साहित्य जगत में बहुत सराहा गया। आपकी उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए आगरा की साहित्य साधिका समिति द्वारा नागरी प्रचारिणी सभा में आपको प्रतिष्ठित सारस्वत सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है।