जिला पंचायत अध्यक्ष से डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की बैठक बुलाने का किया आग्रह*।
सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधि मंडल ने रिहावली बांध योजना को जिला योजना के कार्यों में शामिल की जाए, जिला पंचायत अध्यक्ष से डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की बैठक बुलाने का किया आग्रह*।
रिहावली बांध योजना को जिला योजना के कार्यों में शामिल की जाए
*–जिला पंचायत अध्यक्ष से डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की बैठक बुलाने का किया आग्रह*
उटंगन नदी पर यमुना तटिय रिहावली बांध योजना को जिला योजना के कार्यों की सूची में शामिल किया जाये,इसके लिये प्रयास किया जायेंगे।इसके लिये जिला योजना कमेटी की मीटिंग बुलवाए जाने का प्रयास होगा।फिलहाल सिंचाई विभाग के अधीक्षण सिंचाई तृतीय वृत्त के निचला खंड आगरा नहर (S E Irrigation Works Circle III Agra Lower Division Agra Canal Agra) के अधिशासी अभियंता लोअर खंड से जिला योजना के एजेंडे में शामिल करवाने के लिये रेहावली बांध योजना के संबंध में उपयुक्त प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।यह कहना है जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया का।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा,राजीव सक्सेना एवं असलम सलीमी आदि के प्रतिनिधि मंडल ने जिला पंचायत अध्यक्ष से उनके कैंप कार्यालय पर मुलाकात कर अनुरोध किया कि रिहावली, जनपद की वाकायदा चिन्हित सबसे महत्वपूर्ण जल संचय योजना है, प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में भी आपके एवं पूर्व विधायक डा राजेन्द्र सिंह के द्वारा इसे लाया हुआ है।इसके बावजूद योजना के क्रियान्वयन की दृष्टि से कोई प्रगति नहीं हो सकी।इस लिये उपयुक्त होगा कि इसे जिला योजना के कार्यों में शामिल करवाया जाये।
श्रीमती भदौरिया ने कहा कि वह खुद चाहती है कि यह योजना क्रियान्वित हो,इससे जनपद के अनेक गांवों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा,साथ ही भूगर्भ जल के जलभृत (Aquifer) के संरक्षित एक्यूफर (Confined Aquifer ) सिस्टम में सुधार होने से उपयुक्त गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध होने से हैंडपंप पुनः: सुचारू हो सकें।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिये जिला योजना समिति उपयुक्त निकाय है, इसकी बैठक शीघ्र हो, इसके लिए वह प्रयास करेंगी।
उल्लेखनीय है कि जिला योजना समिति की बैठक में संस्तुति की गई योजनाओं को शासन स्तर पर प्राथमिकता प्रदान की जाती है और अधिकांश पूरी भी हो जाती हैं।
उल्लेखनीय है कि रिहावली गांव उटंगन नदी यमुना नदी में रेहावली और बाह तहसील के रीठे गांव के बीच समाती है (Confluence of rivers),मानसून काल में यमुना नदी के लो फ्लड लेवल पर पहुंचते ही उटंगन नदी में यमुना बैक मारने लगती है,और लगभग 17 कि मी ( अरनोटा रेलवे पुल के अपस्ट्रीम में नगला बिहारी तक बैक मारती है। योजना का लक्ष्य इसी पानी को यमुना नदी में वापस जाने से रोक कर संचित रखना है।भू गर्भ जल रिचार्ज करने और फतेहाबाद व शमशाबाद नगर निकायों सहित कई गावों की वाटर सप्लाई के अलावा इस पानी का उपयोग बाह के बटेश्वर पर्वों पर यमुना नदी में ताजा पानी उपलब्ध करवाने के लिये भी किया जा सकता है।
–सिविल सोसायटी का आग्रह
1- जिला योजना समिति (जिला योजना समिति अधिनियम 1999) के तहत सुसंगत संशोधनों की धारा 9 की उपधारा (ग) एवं उपधारा (घ ):-
(ग) ग्राम, ब्लाक और जिला स्तर पर सुविधाओं को सूचीबद्ध करना और उनका मानचित्रण करना;
(घ ) उपलब्ध प्राकृतिक और मानव संसाधनों के अधिकतम और न्यायसम्मत उपयोग और समुपयोजन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले के विकास के लिए नीतियों, कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं को अवधारित करना आदि प्रावधानों के तहत जिला योजना कमेटी की बैठक में चर्चा के लिये यह सर्वथा उपयुक्त है।
-संवैधानिक निकाय
जिला योजना समिति जिला योजना समिति एक जनपद की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत एक संवैधानिक निकाय है जो पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा तैयार की गई योजनाओं का समेकन करती है और पूरे जिले के लिए विकास योजना की रूपरेखा तैयार करती है।
-कार्य और उद्देश्य
योजनाओं का समेकन: यह समिति विभिन्न पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा प्रस्तावित विकास योजनाओं को एकीकृत करती है। इसके द्वारा पूरे जिले के लिए एक संयुक्त विकास योजना बनाई जाती है। समिति जिला पंचायत सहित स्थानीय निकायों के साथ मिलकर जिले की आर्थिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुसार विकास योजनाओं की रूपरेखा तैयार करती है।
समिति में जिला पंचायत के सदस्य, नगर पालिका के प्रमुख, और अन्य निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्यों की भागीदारी होती है।
जिले के प्रभारी मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते है,जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद के सबसे बडे शहरी निकाय की अध्यक्ष /मेयर क्रमश: वरिष्ठतम सदस्य होते हैं। समिति जिले के पारिस्थितिकी और संसाधनों का संरक्षण, प्राकृतिक और मानव संसाधनों को दृष्टिगत और उनका उपयोग करने के लिए नीतियों का निर्धारण करती है ।
इनमें जल प्रबंधन, अवसंरचना विकास और पर्यावरण संरक्षण आदि आते हैं।