विश्वदाय दिवस पर सेन्ट एन्ड्रूज के विद्यार्थियों द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व अतिथियों का स्वागत

विश्व बंधुत्व एवं ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ की भावना से प्रेरित 18 अप्रैल विश्वदाय दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा विश्व की धरोहर और संरक्षित इमारतों को अक्षुण्ण रखने का संकल्प दोहराया जाता है। इसी परम्परा का निर्वहन सेन्ट एन्ड्रूज पब्लिक स्कूल गत 34 वर्षों से विश्वदाय दिवस बडे़ जोश, उल्लास और उमंग के साथ मनाता आ रहा है। सेन्ट एन्ड्रूज स्कूल के विद्यार्थियों एवं एन.सी.सी. कैडेट्स ;एयर विंगद्ध ने विश्वदाय दिवस के उपलक्ष में ढोल नगाड़ों के साथ हर्षोल्लास से नाचते-गाते देशी-विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया। विद्यालय के सी.एम.डी. डाॅ. गिरधर शर्मा ने विश्वदाय रैली को हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। रैली में सभी ऐतिहासिक शासकों एवं महान विभूतियों जैसे मीरा बाई, झांसी की रानी, हुमायूँ, बाबर, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, टोडरमल, राजा मान सिंह, बीरबल, तानसेन, नूरजहाँ, मुमताज महल, अनारकली, महाराणा प्रताप, महात्मागांधी, शिवाजी आदि के पारम्परिक स्वरूप शामिल थे।
आगरा किले के मुख्य गेट पर देशी एवं विदेशी सैलानियों का स्वागत भारतीय संस्कृति की परम्परा के अनुसार चन्दन तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर किया। ढोल-नगाडे़ की थाप पर पर्यटकों ने विद्यार्थियों के साथ ठुमके लगाकर, मस्त होकर नृत्य किया। ऐसा लग रहा था जैसे सारा विश्व यहाँ एकत्रित हो गया हो। बच्चे हाथों में नारों की पट्टिकायें लिए हुए थे। जिस पर विश्वदाय दिवस, भाईचारे का दिवस, वी लव आगरा, वी लव ताज, इन इमारतों पर क्या लिखना जिन पर इतिहास लिखा हो आदि नारे लिखे थे। कैडेट्स इन नारों का उद्घोष कर रहे थे। सी.एम.डी. डाॅ. गिरधर शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि आगरा महानगर विश्व के पर्यटन मानचित्र में विशेष स्थान रखता है। यहाँ विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के साथ तीन विश्वदाय धरोहर भी स्थित हैं, जिनका अवलोकन किये बिना पर्यटन अधूरा है। आज के दिन हमारे विद्यार्थी इन इमारतों के संरक्षण एवं विश्व बन्धुत्व की भावना का प्रचार-प्रसार करते आए हैं। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक महान विभूतियों की वेश-भूषा में रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संयोजन एन.सी.सी. आॅफीसर आलोक वैष्णव ने किया। अंजना गुप्ता, जूली दीक्षित, यश गोयल, रिषभ सिंह, ख्याति धनवानी आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा।