सिविल एन्क्लेव संबंधित आधारभूत सूचनाओं के हिन्दी और उर्दू में ‘सूचना पट ‘लगवाये जायें
मेयर और जि.पं.अध्यक्ष के माध्यम से पार्षदों और सदस्यों को आधिकारिक जानकारी दी जाए
सिविल एन्क्लेव आगरा के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है किंतु प्रोजेक्ट को लेकर नागरिकों में अनिश्चय की स्थिति यथावत बनी हुई है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का कहना है कि आगरा के लोक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और पहली प्राथमिकता वाले इस प्रोजेक्ट के बारे में सटीक जानकारी आधिकारिक रूप से जन सुलभ करवायी जाये। इसके लिये धनौली-बल्हेरा स्थित साइट पर हिन्दी व उर्दू भाषा में आधारभूत सूचना पट लगवाया जाना आवश्यक है,जिसमें कि प्रोजेक्ट के शुरू होने ,पूरा होने, लागत ,सुप्रीम कोर्ट से क्लीयरेंस संबंधित केस नम्बर और दिनांक आदि मानक सूचनाये शामिल हैं।
इस होर्डिंग में वाकायदा स्पष्ट किया जाये कि फेस-1 के तहत क्या क्या कार्य होने है और फेस-2 के तहत क्या कार्य किये जाने हैं।
इसी सूचना पट की प्रतियां कलेक्ट्रेट परिसर और नगर निगम के परिसरों के आसपास भी लगवाई जायें। दरअसल इन सूचना पटों की जरूरत नागरिकों में व्याप्त भ्रांतियों के निवारण के लिये अत्यंत जरूरी है। हैं।उपयुक्त तो यह भी होगा कि नगर निगम को मेयर में माध्यम से तथा जिला पंचायत सदस्यों को जिला पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से एयरपोर्ट अथॉरिटी अवगत करवायें
करोड़ों से बना लाउंज ‘बना हुआ है ’शो पीस’
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का मानना है कि अर्जुन नगर गेट पर वायुसेना परिसर में कई करोड लागत से बनकर तैयार खडा यात्रि लाऊंज शायद ही उपयोग में आना शुरू हो सके। एयर फोर्स अपने परिसर में गेट पर चैकिंग के बिना बसो या यात्रि वाहनों को सामान्य रूप से अनुमति नहीं देते। बस से (पेड सर्विस) अर्जुन नगर गेट पर उतर कर चैकिंग करवा के लाऊंज जाने के बाद फ्लाइट के समय टर्मिनल बिल्डिंग के लिये फिर से अन्य या उसी बस(पेड सर्विस) में सवार होने की अपेक्षा किसी भी रुप में व्यवहारिक नहीं है।नहीं इस प्रकार का कारनामा देश के किसी भी अन्य एयरपोर्ट पर हो रहा है।
तीन साल पूर्व जब यह लाऊंज बनाये जाने की योजना बनाई जा रही थी, उस समय भी सिविल सोसायटी की ओर यात्रि लाऊंज के वायुसेना स्टेशन की बाउंड्री में होने से प्रवेश संबंधी समस्या को संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाए जाने की कोशिश की थी।
–सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का पक्ष
इस पर सिविल सोसायटी आफ आगरा की सरकार से मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट जो प्रोजेक्ट जनवरी 2023 में स्वीकृत किया है, उस पर तो काम शुरू करवादें।लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने पुन: डी पी आर बनवा के टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी ।
यही नहीं अधिकार संपन्न अधिकारियों ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना पडेगा।जो अनुमति मिल चुकी है, उसी से निर्माण कार्य शुरू कर लेंगे।लेकिन समय के साथ स्पष्ट हो गया कि उप्र सरकार के द्वारा 92.50 एकड़ जमीन उपलब्ध करवायी गयी जमीन के लिये अलग से पेड़ आदि काटने की फिर से अनुमति लेनी पडेगी।
वस्तुत: एयरपोर्ट अथॉरिटी शुरू में तो सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के इस सुझाव तक पर तैयार नहीं थी कि स्वीकृत प्रोजेक्ट को फेस -1 के काम के रूप में शुरू करवाया जाये और अनुमति आ जाने के बाद शेष काम को फेस-2 के काम के रूप में करवाना शुरू किया जाये।जैसा कि अब उसे करवाना पड रहा है।
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का यह भी सुझाव और मांग थी कि बाद में अधिग्रहित की गई 92.50 एकड़ जमीन पर खडे 413 पेडों को काटने की अनुमति के लिये अधिग्रहण से पूर्व ही वायुसेना की ओर से अनुमति मंगवाई जाये,जो अत्यंत सहजता से संभव थी।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में सर्वश्री शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना , असलम सलीमी आदि उपस्थित थे।