संस्कार भारती, आगरा महानगर द्वारा अष्टम अरुणोदय काव्य गोष्ठी 25 जून 2024 को “”श्रीराम मन्दिर, जयपुर हाउस, आगरा”” पर आयोजित की गई.

इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि हरेश चन्द्र अग्रवाल ढपोरशंख, प्रांतीय मंत्री डा मनोज कुमार पचौरी; आगरा पश्चिम के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सुपारी वाले तथा प्रसिद्ध पर्यावरणविद चंद्रशेखर शर्मा ने पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ किया.

सरस्वती वन्दना पद्मावती बघेल ने की

माँ शारदे माँ शारदे
मन आलोकित कर दे
मैं अज्ञानी बालक हूँ
ज्ञान का दीप जला दे।

संस्कार भारती के प्रांतीय साहित्य प्रमुख डा केशव शर्मा की रचना तालियों के साथ सुनी गई

माता अहिल्याबाई आपने
अपने वैभव से भारत का मान बढ़ाया
वीरतापूर्वक शत्रु का दमन करके
रक्षा कर अपने देश की
आपको बार-बार प्रणाम

कवि राकेश शर्मा “निर्मल” की कविता करतल ध्वनि के साथ सुनी गई

बंध गए हैं तुम भी देखो माया की इस पाश में
उलझा लिया है जीवन अगर मगर और काश में
रेंग भी नहीं पा रहे हो ठीक से तुम भूमि पर
भेजा था उसने तुम्हे उड़ने को आकाश में।

कवि हरीश अग्रवाल “ढपोरशंख” की कविता खूब सुनी गई

हृदय में उमड़ता प्यार अगर,
मत कर मुट्ठी में कैद इसे,,
ये बहे हाथ से तरह रेत की,
तो सबके दिल बसने दे इसे,,
ये कोशिश है बेकार तेरी,
गर तू भींच रखेगा हाथों में,,
छोड़ इसे और उड़ने दे,
जाकर सबके यूं दिल में बसे,,

कवि डा शेषपाल सिंह शेष ने कहा

जान लें अहिल्याबाई,होलकर जी को हम,
भारत की भूमि पर,जन्म जो कि पा लिया।
मशहूर महारानी,मराठा सुराज्य की वे,
धर्मपत्नी खंडेराव,शासन चलाया था।

कवि प्रभु दत्त उपाध्याय ने पढ़ा

तू दुश्मन है मक्कार अरे रे बाबा ना बाबा।
तुझे कोंन बनायेगा यार अरे रे बाबा ना बाबा।

टूंडला से पधारे कवि प्रणव कुमार कुलश्रेष्ठ ने कहा

जीते मरते रोज देश में ,पर गाथा कुछ की है गाई ।
परिहार होल्कर जन्म लिया ,माता थीं अहिल्याबाई ।।

कवियत्री पद्मावती बघेल “पदम” को जोरदार सुना गया

मेरी मात अहिल्याबाई
तुम सम कोई माता नहीं
नारी शक्ति को तुमने जगाया
शत्रुओं को सबक सिखाया

कवियत्री वन्दना चौहान को जोरदार सुना गया

हर जीव समान है राजा को, रीत यही थी सिखलाई।
राज-धर्म सिखलाया जग को, लोकमाता अहिल्याबाई।
हे! महान अरु दयालु रानी, देश का कण-कण करे नमन।
मात अहिल्याबाई तुमको, मेरा शत शत बार नमन।।

कवि रविन्द्र वर्मा की रचना मन से सुनी गई

भरत भूमि तो खान रही है,
नारी शक्ति महान की।
अहिल्याबाई होल्कर की,
गाथा शुभ गुणगान की।।
हिन्दू धर्म का मान बढाया,
गूँज थी निर्माण की।
कहलाई इंसाफ की देवी,
राज धर्म संज्ञान की।
भरत भूमी तो खान रही है,
नारी शक्ति महान की।।

काव्य गोष्ठी में सुमन शर्मा, रामेंद्र शर्मा, राजीव क्वात्रा आगरावासी, रविन्द्र शर्मा “रवि” श्याम बाबू मिश्रा “शास्त्री”, आचार्य निर्मल (मथुरा), आशुतोष शर्मा आदि ने भी काव्यपाठ किया.

कार्यक्रम का संचालन कवि राकेश शर्मा निर्मल और ओम स्वरूप गर्ग, महामंत्री आगरा महानगर ने किया.
संयोजन नन्द नन्दन गर्ग प्रांतीय वरिष्ट उपाध्यक्ष ने किया.
ध्येय गीत का गायन हरीश अग्रवाल, मुकुल हरि कुलश्रेष्ठ और सन्दीप अग्रवाल ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन महानगर कोषाध्यक्ष राजीव सिंघल ने किया.

सर्व श्री दीपक गर्ग, प्रदीप सिंघल, अभिषेक गर्ग, अनिल अग्रवाल तथा प्राचार्य उत्तम सिंह ने व्यवस्थाएं संभाली